Sunday, September 16, 2018

जस्ट a मोमेंट,,,,,,,जीवन मे आज हमारे चिंतन पर काई जम गयी है।हम सब कुछ होते हुवे भी दुखी है।वर्तमान सही है पर भावी की चिंता है।।जीवन मर्घट सी उदासी सा है।देह भौतिक सुविधा का भोग कर रही है पर आत्मा उद्विग्न है।अंतस मन बेचैन है।मृग की तरह कस्तूरी ढूंढ रहे हैं और कस्तूरी नाभि के भीतर है।।खुद को ही पता नहीं कि हम जीवन मे क्या चाहते है

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